नज़रों में इस जहान के अँधा दिखाई दे,
जिसकी नज़र में तू हो उसे क्या दिखाई दे.
जब रहमतें अता हों तेरी डूबते हुए,
दरिया में कोई दूसरा दरिया दिखाई दे.
मंज़र के बदलने का कोई सिलसिला नहीं,
चारों ही तरफ़ एक सा जलवा दिखाई दे.
दीवानगी का उसपे असर इस क़दर हुआ,
हँसता दिखाई दे, कभी रोता दिखाई दे.
ए क़ाश मेरे इश्क़ कोई तौफ़ीक़ ये मिले,
ख़ुद का उसके नूर में चेहरा दिखाई दे.
महसूस तुझको जो करे मुमकिन ही नहीं है,
तन्हाइयों में वो कभी तन्हा दिखाई दे.
वीराना मुझको कहने लगा दोस्ती में ये,
मुझसा जो हो सके वही मुझसा दिखाई दे.
तौफ़ीक़ (हुनर, विशेषता)
चित्र (मधु सचदेवा)
जिसकी नज़र में तू हो उसे क्या दिखाई दे.
जब रहमतें अता हों तेरी डूबते हुए,
दरिया में कोई दूसरा दरिया दिखाई दे.
मंज़र के बदलने का कोई सिलसिला नहीं,
चारों ही तरफ़ एक सा जलवा दिखाई दे.
दीवानगी का उसपे असर इस क़दर हुआ,
हँसता दिखाई दे, कभी रोता दिखाई दे.
ए क़ाश मेरे इश्क़ कोई तौफ़ीक़ ये मिले,
ख़ुद का उसके नूर में चेहरा दिखाई दे.
महसूस तुझको जो करे मुमकिन ही नहीं है,
तन्हाइयों में वो कभी तन्हा दिखाई दे.
वीराना मुझको कहने लगा दोस्ती में ये,
मुझसा जो हो सके वही मुझसा दिखाई दे.
तौफ़ीक़ (हुनर, विशेषता)
चित्र (मधु सचदेवा)
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