मुझमें मेरा कहीं ख़ुदा है कोई,
मेरे बारे में सोचता है कोई.
इश्क़ को मेरे कौन समझेगा,
मैं किसी का हूँ ढूंढता है कोई.
कल तलक़ अजनबी समझता था,
अब दुआओं में मांगता है कोई.
जब करूँ नेकियाँ तो लगता है,
मेरे अन्दर भी झांकता है कोई.
मुझको बिस्तर सुबह बताते हैं,
मेरे सोने पे जागता है कोई.
साथ जैसे फ़क़ीर चलता हो,
उम्र मुझमें भी काटता है कोई.
अपनी फ़ितरत से मैं भी सूफ़ी हूँ,
हूँ किसी का मैं पालता है कोई.
मेरे लाइक पेज को देखने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें,
https://www.facebook.com/pages/Surendra-Chaturvedi/1432812456952945?ref=hl
मेरे बारे में सोचता है कोई.
इश्क़ को मेरे कौन समझेगा,
मैं किसी का हूँ ढूंढता है कोई.
कल तलक़ अजनबी समझता था,
अब दुआओं में मांगता है कोई.
जब करूँ नेकियाँ तो लगता है,
मेरे अन्दर भी झांकता है कोई.
मुझको बिस्तर सुबह बताते हैं,
मेरे सोने पे जागता है कोई.
साथ जैसे फ़क़ीर चलता हो,
उम्र मुझमें भी काटता है कोई.
अपनी फ़ितरत से मैं भी सूफ़ी हूँ,
हूँ किसी का मैं पालता है कोई.
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