Monday 16 June 2014

बीच हमारे क्यों ये तेरा-मेरा है,
बता बदन में कौनसा हिस्सा मेरा है.

दूर हुआ तू तब ये पता लगा मुझको,
तू मुझमें है तो ये रुतबा मेरा है.

यादों को कह दो कि यहाँ नहीं आये,
तन्हाई का हर इक लम्हा मेरा है.

ख़ुदा का दर्ज़ा दे कर यही तसल्ली है,
नज़र में तेरी यार का दर्ज़ा मेरा है.

बदन इमारत जैसी है तो बता मुझे,
इसमें आख़िर कौनसा कमरा मेरा है.

कह तो रहा है इसे आशियाँ तू अपना,
इसमें लेकिन तिनका-तिनका मेरा है.

इसे इबादत ना माने तेरी मर्ज़ी,
लेकिन तेरे दर पे सजदा मेरा है.

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