इक गणित की क़िताब जैसा है,
तेरा रिश्ता हिसाब जैसा है.
तुझसे जुड़ना है नींद के जैसा,
टूटना भी तो ख़्वाब जैसा है.
होक मदहोश झूमने के लिए,
तेरा होना शराब जैसा है.
कितना इतरा रहा है अपने पर,
दर्द चढ़ते शबाब जैसा है.
उसके आगे मैं इक अँधेरा हूँ,
और वो आफ़ताब जैसा है. (आफ़ताब = सूरज)
मेरा अंदाज़ और मेरा लहज़ा,
तेरे ख़त के जवाब जैसा है.
लोग कहते हैं मेरी ग़ज़लों में,
कोई पौधा गुलाब जैसा है.
मेरे लाइक पेज को देखने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें,
https://www.facebook.com/pages/Surendra-Chaturvedi/1432812456952945?ref=hl
तेरा रिश्ता हिसाब जैसा है.
तुझसे जुड़ना है नींद के जैसा,
टूटना भी तो ख़्वाब जैसा है.
होक मदहोश झूमने के लिए,
तेरा होना शराब जैसा है.
कितना इतरा रहा है अपने पर,
दर्द चढ़ते शबाब जैसा है.
उसके आगे मैं इक अँधेरा हूँ,
और वो आफ़ताब जैसा है. (आफ़ताब = सूरज)
मेरा अंदाज़ और मेरा लहज़ा,
तेरे ख़त के जवाब जैसा है.
लोग कहते हैं मेरी ग़ज़लों में,
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