सबके लिए दुआ करते थे,
कैसे लोग हुआ करते थे.
इसके-उसके दिल में क्या है,
सब कुछ जान लिया करते थे.
जान चली भी जाए लेकिन,
सच्ची बात कहा करते थे.
किसी जान के बदले में वे,
अपनी जान दिया करते थे.
धोखे मिलते थे रिश्तों में,
फिर भी लोग वफ़ा करते थे.
जुबां पे ख़ामोशी रहती थे,
दिल में बात रखा करते थे.
घर को ख़ुश रखने के ख़ातिर,
सारे दर्द सहा करते थे.
मेरे लाइक पेज को देखने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें,
https://www.facebook.com/pages/Surendra-Chaturvedi/1432812456952945?ref=hl
कैसे लोग हुआ करते थे.
इसके-उसके दिल में क्या है,
सब कुछ जान लिया करते थे.
जान चली भी जाए लेकिन,
सच्ची बात कहा करते थे.
किसी जान के बदले में वे,
अपनी जान दिया करते थे.
धोखे मिलते थे रिश्तों में,
फिर भी लोग वफ़ा करते थे.
जुबां पे ख़ामोशी रहती थे,
दिल में बात रखा करते थे.
घर को ख़ुश रखने के ख़ातिर,
सारे दर्द सहा करते थे.
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