इस दुनिया में कोई हमारा है कि नहीं,
अपना भी जीने का सहारा है कि नहीं.
कश्ती ने घबरा कर आख़िर पूछ लिया,
इस दरिया का कोई किनारा है कि नहीं.
मैंने कुछ भी किया मगर यह जान के ही,
उसका मेरी तरफ़ इशारा है कि नहीं.
उम्र काटनी है तो उस से पूछ भी लो,
साथ में रहना उसे गवारा है कि नहीं.
जा तो रहे हो छोड़ के लेकिन सोच भी लो,
इस घर में फिर आना दुबारा है कि नहीं.
ऐतबार उस पर दोनों का है लेकिन,
वो मेरा है मगर तुम्हारा है कि नहीं.
घर का मौसम पूछ रहा है आँगन से,
आसमान में कोई सितारा है कि नहीं.
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https://www.facebook.com/pages/Surendra-Chaturvedi/1432812456952945?ref=hl
अपना भी जीने का सहारा है कि नहीं.
कश्ती ने घबरा कर आख़िर पूछ लिया,
इस दरिया का कोई किनारा है कि नहीं.
मैंने कुछ भी किया मगर यह जान के ही,
उसका मेरी तरफ़ इशारा है कि नहीं.
उम्र काटनी है तो उस से पूछ भी लो,
साथ में रहना उसे गवारा है कि नहीं.
जा तो रहे हो छोड़ के लेकिन सोच भी लो,
इस घर में फिर आना दुबारा है कि नहीं.
ऐतबार उस पर दोनों का है लेकिन,
वो मेरा है मगर तुम्हारा है कि नहीं.
घर का मौसम पूछ रहा है आँगन से,
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