मुद्दतों बाद मेरी सोच का मानी निकला,
शख्स जो दिल में बसा था वो कहानी निकला.
मुद्दतों बाद मेरे दर्द को छुआ उसने,
मुद्दतों बाद मेरी आँख से पानी निकला.
वक़्त ने रखके जिसे भूलना बेहतर समझा,
प्यार ऐसी ही कोई चीज़ पुरानी निकला.
उम्र काटी थी कभी जिसने मेरे पहलू में,
वो ही अहसास मेरा तेरी ज़ूबानी निकला.
टूट के जुड़ने का फिर जुड़ के टूटने का सफ़र,
मेरे दिल का ना कोई दुनिया में सानी निकला.
जिसकी हर एक ख़ुशी मुझसे रही बाबस्ता,
मेरा हर ज़ख्म फ़क़त उसकी निशानी निकला.
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https://www.facebook.com/pages/Surendra-Chaturvedi/1432812456952945?ref=hl
शख्स जो दिल में बसा था वो कहानी निकला.
मुद्दतों बाद मेरे दर्द को छुआ उसने,
मुद्दतों बाद मेरी आँख से पानी निकला.
वक़्त ने रखके जिसे भूलना बेहतर समझा,
प्यार ऐसी ही कोई चीज़ पुरानी निकला.
उम्र काटी थी कभी जिसने मेरे पहलू में,
वो ही अहसास मेरा तेरी ज़ूबानी निकला.
टूट के जुड़ने का फिर जुड़ के टूटने का सफ़र,
मेरे दिल का ना कोई दुनिया में सानी निकला.
जिसकी हर एक ख़ुशी मुझसे रही बाबस्ता,
मेरा हर ज़ख्म फ़क़त उसकी निशानी निकला.
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